अफसरों के आश्वासन पर माना पीड़िता का परिवार __मंत्रियों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार

उन्नाव। नवा दुष्कर्म केस में रविवार सुबह अलग मोड़ आ गया जब पीड़िता के परिवारीजन ने शव का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। दुष्कर्म पीडिता की बड़ी बहन के घर नहीं पहुंचने के कारण प्रशासन को सबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह मुकर गया। शर्त रख दी कि मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने के बाद ही अंतिम संस्कार होगा। परिवार की इस मांग की जानकारी प्रशासन ने शासन को दी, जिस पर कमिश्नर लखनऊ और आइजी रेंज ने परिवारीजन से बात की। परिवार को दो आवास देने के साथ ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी का भरोसा दिए जाने के बाद परिवार शव दफनाने को तैयार हो गया। उसके बाद सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहंचे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण की मौजूदगी में शव को दफनाया गया। शनिवार को शव पहंचने के बाद देर रात बड़ी बहन के नहीं आने के कारण परिवार ने अंतिम संस्कार सुबह करना तय किया था। रविवार सुबह अधिकारी अंतिम संस्कार की तैयारी करने के लिए पहुंचे तो परिवार ने मांगे रखते हुए शव दफनाने से मना कर दिया गया। आला अधिकारियों ने बात की तो बताया गया कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गांव नहीं आते और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भरोसा नहीं देते. शव को नहीं दफनाया जाएगा। इस बात की जामकारी मातहतों से मिलते ही डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय और एसपी विक्रांत वीर के बाद कमिश्नर मकेश मेश्राम के साथ आइजी लखनऊ रेंज एसके भगत भी पहुंच गए। कमिश्नर ने पीडिता के पिता से बात करने के साथ अपर मख्य सचिव से उनकी बात कराई। अधिकारियों के समझाने और परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो आवास के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी और असलहा का लाइसेंस दिए जाने का भरोसा मिलने के बाद परिवार शव दफनाने को तैयार हो गया। उसके बाद मख्यमंत्री क प्रतिनिधि के तौर पर पहंचे सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या और प्राविधिक शिक्षा मंत्री और जिले की प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम परिवार की सहमति पर शव दफना दिए जाने के बाद पीडिता की छोटी बहन ने सरकार को चेतावनी दी कि जो मांगे की गई हैं अगर वह एक सप्ताह में पूरी नहीं की जाती हैं तो वह विधानसभा भवन के सामने परिवार के साथ धरने पर बैठ जाएगी। इससे पहले पीडिता की बड़ी बहन ने उन्नाव से लेकर लखनऊ तकइलाज ठीक से नहीं होने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि उनकी बहन कर तड़प-तड़प कर मर गई। बहन का कहना है कि पीडिता ने अंतिम सांस लेते वक्त पछा था कि सभी गिरफ्तार हए कि नहीं, उसने सबको सजा दिलाने का वादा भी लिया था। सपा और कांग्रेस नेता मौजूद रहे कल शाम से पीडिता के घर पर मौजद सपा नेता एमएलसी सुनील यादव क्साजनक्व और पार्टी जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव शव दफनाने के वक्त भी मौजद रहे। वहीं पूर्व सांसद अन्न टंडन ने युवा कांग्रेस नेता अंकित परिहार के साथ पीड़िता के घर जाकर पार्टी की ओर से पांच लाख की मदद देने के बाद अंतिम संस्कार में भी शिरकत की। सुबह से सीएम को बुलाने की जिद पर अडा रहा परिवार दुष्कर्म पीडिता की शुक्रवार रात मौत हो जाने के बाद शनिवार रात करीब 9408 बजे उसका शव गांव पहुंचा। रात को पीडिता की बड़ी बहन के नहीं पहंचने के कारण प्रशासन को सुबह अंतिम संस्कार करने की बात कहने वाला परिवार रविवार सुबह पलट गया था। बड़ी बहन के आने के बाद परिवार इस जिद पर अड गया कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नहीं आते शव नहीं दफनाया जाएगासाथ ही परिवार ने एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की शर्त भी रख दी थीपिता के मुताबिक जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घर नहीं आते शव को नहीं दफनाया जाएगा। बड़ी बहन ने भी घर के एक सदस्य को नौकरी और आरोपितों को फांसी देने की शर्त रख दी। अधिकारियों ने तत्काल इसकी जानकारी शासन के आला अधिकारियों को दी।