मारिया के खुलासे पर बोले उज्ज्वल निकम- आतंकियों से मिले 10 फर्जी आईडी कार्ड, सब पर लिखे थे हिंदू नाम

 नई दिल्ली। मुंबई आतंकवादी हमले के गुनहगार आतंकी अजमल कसाब को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के इस दावे कि पाकिस्तानी आतंकी हिन्दू आतंकवाद दिखाने की साजिश के तहत आए थे। इस पर मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मुकदमे की अदालत में पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि कसाब समेत अन्य आतंकियों के पास से मिले 10 आईकार्ड पर हिन्दू नाम लिखे थे। उन्होंने कहा है कि आईएसआई की क्या तैयारी थी इसकी पर्सनल जानकारी मुझे नहीं है। मुंबई पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने के बाद यह केस मेरे पास आया जिसमें आतंकी हमला करने वाले आतंकियों के पास से 10 आईकार्ड कोर्ट में पेश किए गए। इसमें सभी आतंकियों के पास फेक आईडी कार्ड थे जिनमें हिंदुओं के नाम थे। उज्जवल निकम ने बताया कि कसाब ने 19 फरवरी 2002 को कोर्ट में दिए इकबालिया बयान से एक बात साबित हो गई थी कि बरामद किए गए 10 फर्जी कार्ड झूठे नाम थे। उसने बताया था कि पुलिस को गुमराह करने के लिए हमने इन फेक आईकार्ड का इस्तेमाल किया था। कसाब ने कोर्ट को यह भी बताया था कि अबल काफा जिसने उनको मिलिट्री ट्रेनिंग दी थी उसने बताया था कि तुम्हे 10 झूठे नाम दिए जाएंगे और हमने कोर्ट में यह बात साबित कर दी थी। पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की किताब लेट मी से इट नाउ% में हर रोज नए खलासे हो रहे हैं। मंबई अटैक के बारे में मरिया ने कहा था कि आतंकी हमले के बाद जारी की गई कमाल की एक तस्वीर पर केटीय एजेंसियों ने काम किया थासरक्षा को देखते हामंबई पलिस ने परी कोशिश की कि मीडिया के सामने किसी विवरण का हो। तस्वीर में कसाव की दाहिनी कलाई पर लाल रंग का धागा बंधा हुआ था जिसे पवित्र हिंद धागा माना जाता है। इस बात ने कई लोगों को यह भरोसा करने के लिए प्रेरित किया किपटयंकारियों ने 11 हमले को हिंट आतंकवाद के रूप में पेश करने का पयास किया था सारिया ने अपनी किताब में लिखा अखबारों में बडी बडी सर्खियां बनतीं जिनमें दावा किया जाना कि किस प्रकार हिंट आतंकवादियों ने मंबई पर हमला किया। शीर्ष टीवी पत्रकार उसके परिवार और पड़ोसियों से बातचीत करने के लिए बेंगलुरु पहुंच जाते। लेकिन अफसोस, ऐसा नहीं हो सका वह पाकिस्तान में फरीदकोट का अजमल आमिर कसाब था। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई के कांस्टेबल शहीद तुकाराम ओम्बले द्वारा कसाब को जिंदा पकडलेने से वह योजना नाकाम हो गयी ।गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को हए मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी। वहीं. 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस हमले में आतंकी कसाब जिंदा पकडा गया और 21 नवंबर 2012 को फांसी पर लटका दिया गया।