शाहजहां-मुमताज की कब्र के दरवाजे की ऊंचाई 5 फीट, ट्रंप की लंबाई 6 फीट, इसलिए नहीं कर पाएंगे दीदार

 आगरा। मुगल बादशाह शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं देख सकेंगे। इसमें उनकी लंबाई आडे आ रही है। असली कब्र तक जाने के लिए पांच फीट का मेहराबदार दरवाजा है, जबकि ट्रंप की लंबाई छह फीट तीन इंच है। अमेरिकी की उच्चस्तरीय सुरक्षा टीम ने पड़ताल के बाद व्हाइट हाउस को इससे अवगत करा दिया है। अमेरिकी अफसर नहीं चाहते कि ट्रंप को झुकना पड़े।ताजमहल में स्थित शाहजहां और मुमताज की नकली कब्रों का ही दीदार करने की अनुमति हैअसली कबें मुख्य गुंबद के नीचे तहखाने में बनी हैं। यहां जाने के लिए 22 सीढयिां हैं। इन सीढयों से नीचे जाने के बाद पांच फीट का मेहराबदार दरवाजा है। टंप को यहां जाने के लिए? झककर निकलने पर ही असली कब्र देखने को मिल सकेंगी। अमेरिका की एडवांस टीम के जानकारी करने पर मेहराबदार दरवाजे के बारे में बताया गया। इस पर उन्होंने अन्य राष्टाध्यक्षों द्वारा असली कब्रों को देखने के बारे में पूछा। उन्हें बताया गया कि लंबाई के कारण किसी ने भी इन कब्रों को नहीं देखा। एडवांस टीम ने अभी तक इस हिस्से को खुलवाकर नहीं देखा है। ताजमहल में दो स्थानों पर कबें बनी हैं। असली कब्रे तहखाने में स्थित हैं जबकि नकली कचें मुख्य गुंबद में ऊपर बनी हैं। कब्रों को हाथों से छूने के कारण इनका पत्थर खराब हो रहा था। इसलिए वर्ष 2000 में असली कब्रों कोपुरातत्व महानिदेशक के आदेश पर बंद कर दिया गया था। यह तब से लगातार बंद हैं। शाहजहां के उर्स में साल में तीन दिन ये कबें लोगों के दीदार के लिए खोली जाती हैं। उर्स के दौरान गुस्ल, पंखा की रस्म के अलावा चादरपोशी होती है। तब एंट्री निशुल्क होती है।वर्ष 2011-12 में आईआईटी। कानपुर ने एएसआई के साथ मिलकर सर्वे किया था। उस समय कब्रों पर 55 फीसदी धल के कण और 35 फीसदी ब्राउन कण मिले थे। उसके बाद संसद की पर्यावरण समिति ने भी यहां का निरीक्षण किया था। तब बताया गया था कि नमी के कारण कबें पीली पड़ रही हैं।अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कमार स्वर्णकार ने बताया कि असली कब्रों को खोले जाने का आदेश पुरातत्व महानिदेशक ही कर सकते हैं। हालांकि जब से कबें बंद हुई हैं किसी भी मिलाने राष्टाध्यक्ष ने इनका दीदार नहीं किया। 20 साल पहले ताजमहल के फोरकोर्ट तक राष्ट्राध्यक्षों के वाहन पहुंचते थे। वर्ष 2001 में ताज की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दे दी गई। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 500 मीटर को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी। इसके बाद से सभी राष्टाध्यक्ष होटल अमर विलास के पास लगे बैरियर से गोल्फकार्ट द्वारा ताज के फोरकोर्ट तक पहुंचते हैं। अमेरिका की एडवांस टीम ने ट्रंप की गाड़ी के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि पांच सौ मीटर की समस्या का हल किया जाए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं। इसमें वह कछ भी नहीं कर सकते। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि ताज तक बैटरी च चलित बस आ सकती है। टंप उसमें ही बैठकर ताज तक आ सकते हैं।